धार छंद “आज की दशा” आधारित कविता बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’ द्वारा लिखी गयी है।
अत्याचार।
भ्रष्टाचार।
का है जोर।
चारों ओर।।सारे लोग।
झेलें रोग।
हों लाचार।
खाएँ मार।।नेता नीच।
आँखें मीच।
फैला कीच।
राहों बीच।।पूँजी जोड़।
माथा मोड़।
भागे छोड़।
नाता तोड़।।आशा नाँहि।
लोगों माँहि।
खोटे जोग।
का है योग।।सारे आज।
खोये लाज।
ना है रोध।
कोई बोध।।धार छंद (लक्षण छंद):-
“माला” राख।
बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’
पाओ ‘धार’।।