TOP best shayari of the Month

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बिना वज़ह ख़ुशी तो नहीं देती ऐ ज़िन्दगी...  पर हर दफ़ा... बिना वज़ह ग़म दिए जाती है...!!

मोहब्बत थी तो चांद अच्छा था,   उतरने लगी  तो दाग़ दिखने लगे...!!

फिर चुमूँगा माथा सिर सहलाऊ़ँगा मैं  तुम्हारे छोटे पैर  अपनी हथेलियों पर रखकर तुम्हें जब पायल पहनाऊंगा मैं

वक़्त लगेगा...  ज़िन्दगी का जी नहीं भरा है अब तक इम्तेहान लेनें से...!!

फिर चुमूँगा माथा सिर सहलाऊ़ँगा मैं  तुम्हारे छोटे पैर  अपनी हथेलियों पर रखकर तुम्हें जब पायल पहनाऊंगा मैं

चुड़ियाँ सोने की ना सही तो कांच की ले आऊंगा...  तुम पहन तो लोगी ना  मैं अपने हाथों से पहनाऊंगा...!!

तक़लीफों से भी हमारी अच्छी दोस्ती है आज़कल...  रोज़ मिलते मिलाते रिश्ते बन ही जाते हैं...!!

मेरी कांटों जैसी जिंदगी में फूल भर जाना  प्रिये तुम बर्तन धो लो फिर आंनलाइन आना...!!