तुम तो अब चले गए,जिसका होना था हो गए,जो पाना था पा गएअब क्यों मुझे रुला रहे रहे हो,बेवजह मुझे क्यों सता रहे होबेवजह मुझे क्यों सता रहे हो।
बस हम ही किसी एक को वजह बना बैठे,दिल ओ दिमाक मे उसे समा बैठे,जिंदगी उसी तक जमा बैठे,शायद यही वजह थी,जो आज हम उसे गवां बैठे।मैं जानती हूं उसे,फिर से वो किसी और मे जिएगा,जिंदगी का हर शब्द उसी से रहेगा।मै जानती हूं उसे,
हमदर्द ढूंढते हो,दर्द के साये में रहते हो, और हमदर्द ढूंढते हो,बड़े नादाँ मरीज़ हो, खुद-ब-खुद मर्ज़ ढूंढते हो !!खुदगर्ज़ी की जीती जागती मिसाल हो आप,लगा कर फ़िज़ा में आग हवाएं सर्द ढूंढते हो !!
हुस्न पर शबाब का सुरूर अच्छा नहीं होता, खूबसूरती पर करना गुरुर अच्छा नहीं होता,पानी के बुलबुले की तरह होती है ये जिंदगी,समझना खुद जन्नत की हूर अच्छा नहीं होता !!
कुछ बंदिशों ने हमे अपने व्यक्तित्व से मिला दिया।लापरवाह हो रही थी सबकी ज़िन्दगी,कुछ बंदिशों ने हमें अनुशासित बना दिया।ज़िन्दगी में कुछ बंदिशे भी शायद ज़रूरी है।
दुनिया देखोगें, नज़र से जैसी,तस्वीर इसकी, उभरेगी वैसी,हमेशा नहीं होता, सब कुछ काला या सफ़ेद जहाँ,और भी बहुत रंग है, ज़िन्दगी रूपी माला में यहाँ…
जब तक है सांस,तब तक रहेगी आस,जारी रखे सब अपनी अपनी तलाशकभी न हो अपने जीवन में निराशकेवल दुःख में खो न जाए कभी,खुशियों के पल को याद रखे सभी, मानव जीवन की यही बात तो है खास,खूबसूरत बनी रहती ज़िन्दगी, अगर है आस|
ज़िन्दगी भी कितनी अजीब है,एक ही परिस्थिति,किसी के लिए, खुशियां है लाती,किसी को केवल, गम है दे जाती|
बिता देते सारी उम्र हम,थोड़ी सी "आस" में, या फिर "काश" में,नहीं सोचते आज की हम,बस खोए रहते "अतीत" में, या "भविष्य" में…
जब कभी मैं अकेलापन महसूस करता हूँ,बस पुराने दिनों को याद किया करता हूँ,याद किया करता हूँ उन दिनों को,जो मेरी जिन्दगी के हसीन दिन थे,वो भी क्या दिन थे, जब हम साथ हुआ करते थे,