मंत्री जी पर आधारित कविता

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मंत्री जी पर आधारित कविता देवेश दीक्षित द्वारा लिखी गयी है।

मंत्री जी ओ मंत्री जी

मुँह उठा कर कहाँ चले

धोती कुर्ता पहन के टोपी

धूल उड़ाकर कहाँ चले

अत्याचारों से लिपटी धरती

सब तुम्हारी करनी है

आतंकवाद की बढ़ती दरिंदगी

सब तुम्हारी निशानी है

पाप कर्म और मक्कारी का

दिया जलाया तुमने है

खून बहा के निर्दोषों का

धन कमाया तुमने है

मुद्दा बनाके जाति -पांति का

आपस में लड़वाया तुमने है

उसी से भड़कती है हिंसा

उसी से रोटी सेंकी है

और कौन से कुकर्म हैं बाकी

जो तुमने आगे करने हैं

धरती माता पर और लहू की

बारिश करनी तुमने है

मंत्री जी ओ मंत्री जी

मुंह उठा कर कहाँ चले

धोती कुर्ता पहन के टोपी

धूल झोंककर कहाँ चले

देवेश दीक्षित
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