जुगनू होता है ऐसा कीट
जो बनता है सबका मीत
पल-पल में है जलता-बुझता
ऐसी है इसकी तकदीर
आधे इंच का ये अद्भुत कीट
प्रभु ने बनाया ये कैसा जीव
ज्ञान नहीं इसको अपनी दिव्यता का
यही है इसकी उच्चतम तकदीर
असंख्य मिल जाएं जहां अद्भुत कीट
झिलमिल सा कर दें जैसे असंख्य दीप
मनुष्यों ने सदा लाभ उठाया
बोतलों में बंद कर इनकी तकदीर
स्वच्छंद ही भाते हैं ये कीट
बड़े निराले होते हैं ये जीव
कभी इधर तो कभी उधर चमका
यही है इनके आकर्षण की तकदीर
देवेश दीक्षित
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