आत्मा परमात्मा मिलन

आत्मा यूं मिलने चली परमात्मा से,आत्म मिलन हुआ परमात्मा से तो,रोता है तू क्यों बंदेतेरे मिलने पर तो वो खुश रहान तुझसे शिकवा कि न ही शिकायततेरे मिलने को प्रेम दिया गया,उसके मिलने को अंत क्यों? तू कितना स्वार्थी है……अपने पे आई तो याद आईदूसरो को भूल गयाखुद अपने मिलन से सुख है दूसरे से […]

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anant yadav 8590

आत्मा यूं मिलने चली परमात्मा से,
आत्म मिलन हुआ परमात्मा से तो,
रोता है तू क्यों बंदे
तेरे मिलने पर तो वो खुश रहा
न तुझसे शिकवा कि न ही शिकायत
तेरे मिलने को प्रेम दिया गया,
उसके मिलने को अंत क्यों?

तू कितना स्वार्थी है……
अपने पे आई तो याद आई
दूसरो को भूल गया
खुद अपने मिलन से सुख है दूसरे से दुख
समझ तुझे भी आयेगा जब,
हटेगा तेरे चेहरे पर पड़ा ये मोह
दिल मे बसा अपनेपन का ढोंग
कम से कम अब तो खुश हो जा तेरे जैसे का मिलन नही।

हां तू भी रोता होगा जब तुझे तेरा नही मिलता..
..बिछड़ा परमात्मा आत्मा से भी
जनता तो सबकुछ है तेरे चार दिन रो लेने से
गया वापस आ जायेगा।

आज मिलन हो जाने दे
नाच, बजा मजीरा ढोलक
कर खुशी-खुशी विदा उसको
तेरे रोने से गया वापस आएगा नही
जाने वाले को जाने दे
रोक मत जाने से।

– आत्मा परमात्मा मिलन By: ANANT YADAV
(anyanant)

Apni zhalak-poetry by Anant Yadav
WRITTEN BY

Apni zhalak-poetry by Anant Yadav

Student of class 12 Central hindu boys school (CHBS) BHU My YouTube poetry channel
Apni zhalak -poetry.

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