कोई और नही

यादों में रहना, सीखना बाकी है,रक्त कि स्याही से इतिहास लिखना बाकी है। यूं फर्ज तो छोटू सा है,तू जो करेगा उससे बढ़कर कोई और नही,जो सोचेगा वही तेरी डगर होगी,हां झुंक जाने का खौफ भी होगा,हद में रहकर रोशनी करे,ऐसा पहल होगा भी, या इससे बड़ा कोई और नही होगा। उपहास तो सबका होता […]

394
koi aur nahi 1

यादों में रहना, सीखना बाकी है,
रक्त कि स्याही से इतिहास लिखना बाकी है।

यूं फर्ज तो छोटू सा है,
तू जो करेगा उससे बढ़कर कोई और नही,
जो सोचेगा वही तेरी डगर होगी,
हां झुंक जाने का खौफ भी होगा,
हद में रहकर रोशनी करे,
ऐसा पहल होगा भी, या इससे बड़ा कोई और नही होगा।

उपहास तो सबका होता है, तो तेरा भी होगा
क्यों तू भगवान तो नही
ये सोच कर रुक जाना
जुनून को दबा देना,
तेरे इस जुनून से बढ़कर कोई और नहीं।

दावेदार बनने आए थे, उम्मीदवार नहीं,
कुछ पाकर जाना था खोकर नही,
तेरा कर्म ही स्वप्न का रखवाला होगा,
क्यों? क्या? सोचता है,
कोई और नही
कंकड़ राह को नही तोड़ सकेंगे,
तेरा प्रेम से टूटा घाव अभी तक भरा नही
अनंत तेरा जिद ही तुझपे हावी होगा,
इस जिद के आगे कोई और नही,
सोच मत जिद्दी से बदनाम था,
अब आगे कोई और नही।

Tweet

0

Share

0

Pin it

0

Anant Yadav (anyanant )
WRITTEN BY

Anant Yadav (anyanant )

Student of class 12 Central hindu boys school (CHBS) BHU