वो दिन क्यों याद है

भूलना चाहा जिस दिन को ,वो दिन क्यों याद हैना कुछ खास है, ना कुछ बात है,फिर भी ना जाने वो दिन क्यों याद है । याद करना चाहा जिस दिन को वोदिन तो याद नहीं,ना वो लमहे याद,ना ही वो चेहरे याद ना उस चेहरे पर की खुशी,याद वो भी नही जिसे याद किया। […]

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anant yadav 2983

भूलना चाहा जिस दिन को ,
वो दिन क्यों याद है
ना कुछ खास है, ना कुछ बात है,
फिर भी ना जाने वो दिन क्यों याद है ।

याद करना चाहा जिस दिन को वो
दिन तो याद नहीं,ना वो लमहे याद,
ना ही वो चेहरे याद ना उस चेहरे पर की खुशी,
याद वो भी नही जिसे याद किया।

बस वे लमहे याद
बिना देखे, बिना मिले , बिना सुने
काल्पनिक वे चेहरे याद, जिसे चाहा भी नही याद करने को वो अंश याद।

कहे बड़े शान से वे गुच्छे के शब्द,
भूल जाएंगे, फिर याद भी न आयेंगे,
पर न जाने वो सक्स क्यों याद,
वो दिन क्यों याद है।

न कुछ खास नही कोई उत्सव
बस मातम सा छाया वो वो दिन क्यों याद,
भूलकर भी भूल जाएं पर ऐसा भी नही फिर भी वो दिन क्यों याद।

हैरानी तो अनंत खुशी से है
आई जिंदगी पर वो तो याद नही,
दर्द से भरे वो राह फिर क्यों याद है,
ये जिंदगी हैरान हु तुझसे,
पर परेशान नही।

खुशी से मिले पल याद नही,
साथ रहे वो दिन याद नही,
फिर न रहने का गम क्यों याद , एकाकीपन क्यों याद।

जिद्दी था मन, जिद्द से जीते वो पल याद नही
न जाने फिर क्यों याद है जिद से हारे वो दिन
सच ये जिंदगी तू अनंत है समझ सकूं ऐसा कोई पल क्यों याद नही।

आखिर अनंत वो दिन क्यों याद है
क्यों याद वे दिन ?
कह पाऊं ऐसा कोई सामर्थ नही
न चाहने पर भी आखिर क्यों याद है वो दिन

भूलना चाहा वो सिसकियां
वो आह भरी राते , पर कमबख्त पता नही फिर भी वो दिन क्यों याद है।

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POETRY book poet's pen by Anant Yadav
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POETRY book poet's pen by Anant Yadav

Student of class 12 Central hindu boys school (CHBS) BHU My YouTube poetry channel
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