नारी दिवस – Women’s day kavita

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नारी दिवस पर आधारित कविता देवेश दीक्षित द्वारा लिखी गयी है।

नारी दिवस के महत्व को

समझो मेरे यार

नारी से ही है सृष्टि

इसका करो सम्मान

यदि न होती नारी तो

कैसे बनता ये संसार

कैसे आती झांसी की रानी

देश की खातिर उठाने तलवार

यदि न होती नारी तो

कहाँ से आते वीर जवान

जो देश की सीमा पर होकर ही

तिरंगे के लिए हुए कुर्बान

नारी अब वो नारी नहीं

जो डरके मुँह छुपाती थी

अब की नारी वो नारी है

जो शक्ति कहलाती है

पीछे हटना भी जिसको मंजूर नहीं

अश्रु बहाना दस्तूर नहीं

कंधे से कंधा मिलाकर चलती है

अपने हक के लिए भी लड़ जाती है

नारी अब चांद-सितारों से दूर नहीं

या जंग का हो मैदान कहीं

डटकर मुकाबला करती है

नारी शक्ति कहलाती है

देवेश दीक्षित

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