Poems on Life in Hindi | जीवन पर कविताएं: Heart Melting New Hindi Poems About Life, Amazing Hindi Poetry by renowned Poets & Life par Hindi Me Kavita.
जिंदगी… सबकी अपनी शर्तें होती हैं। और कुछ अपनी शर्तों पर जीते हैं। जीवन में, हमारे पास ऐसे चरण होते हैं जहां हम सीखते हैं, घायल होते हैं और परिपक्व होते हैं। इन सब से गुजरते हुए हम और भी बहुत कुछ सीखते हैं। इसलिए हम जीवन पर कुछ संबंधित कविताएँ पोस्ट करने का प्रयास कर रहे हैं जिनसे हम सभी संबंधित हो सकते हैं।
हम अपने उपयोगकर्ताओं द्वारा हमारे साथ जीवन के बारे में कुछ खूबसूरती से लिखी गई कविताएँ पोस्ट कर रहे हैं। हमारे पास जीवन के बारे में कुछ जाने-माने लेखकों की कविताएँ हिंदी में भी होंगी। हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह जिंदगी पर कविता Zindagi Par Kavita पसंद आयेंगी।
Zindagi Par Kavita | जिंदगी पर कविता
1. अनजान (Poems on Life in Hindi)
मैंने सजाया था तुम्हें अपने मुकुट में मान सा,
लेकिन तुम्हें ना हो सका उसका जरा भी भान सा।अब क्या करे कोई तुम्हारी सोच तो बदली नहीं,
तुमको भी साथी चाहिए एक जादूगर धनवान सा।सोचा बहुत रोका बहुत पर फिर भी देखो ना थमा,
आज भी उठता है दिल में एक बड़ा तूफान सा।देखते हो क्या मकां ये इसमें कोई घर नहीं,
एक खंडहर है फकत टूटा हुआ वीरान सा।दौलतें जग की मिलें पर ना मिले गर साथिया,
शिशिर मधुकर
मधुकर बना रहता है फिर इंसान इक अनजान सा।
2. सच्चा मेल (Poems on Life in Hindi)
प्रेम मिले तो जीवन है वरना एक रूखा खेल है,
आपस में मिलना रूहों का देखो सच्चा मेल है।प्यार के बंधन में बंध जा आनंद तभी तो आएगा,
वरना सारा जीवन लगता है मानो लम्बी जेल है।बिना सहारे देख जमीं पे ही मिट्टी बन जाएगी,
आज अटारी पे लिपटी दिखती जो सुन्दर बेल है।आंधी तूफां से भी जो लड़ता है पूरी शिद्दत से,
समझो उस जलते दीये में भरा प्रेम का तेल है।वो नारी पुरुष ही अच्छे हैं जो प्रेम सुधा बरसाते हैं,
शिशिर मधुकर
क्या फर्क पड़ेगा इससे मधुकर वो अगर दसवीं फेल हैं।
3. औरों की खातिर (Poems on Life in Hindi)
जो अपना ना बने मन से उसे भी कहना पड़ता है,
ज़िन्दगी को चलाने को साथ में रहना पड़ता है।कोई भी चोट लगती है दर्द तो लाज़मी होगा,
दवा दारू खूब कर लो उसे पर सहना पड़ता है।दर्द इस धार के भी तो सदा दिल में रहे होंगे,
देख लो औरों की खातिर इसे पर बहना पड़ता है।कोई मिट्टी का टीला हो या ढेरी कोई मैं की,
बोझ बढ़ जाए जिसका भी उसे तो ढहना पड़ता है।जो जिसके पास है मधुकर वही बस काम आएगा,
शिशिर मधुकर
सर्प का देख लो शिव को बनाना गहना पड़ता है।
4. कर्तव्य की गठरी (Poems on Life in Hindi)
एक बात मन की दोस्तों तुमको बतानी है,
कुछ दर्द में डूबी फ़कत अपनी कहानी है।ढूंढा जिसे उल्फ़त मुझे न कोई मिल सकी,
ग़म झेलती देखो तन्हा कब से जवानी है।जिसके सहारे ज़िन्दगी की मार मैं सह लूँ,
मुहब्बत की न कोई पास में मेरे निशानी है।दुनिया मेरे अरमान की तो कब से लुट चुकी,
कर्तव्य की गठरी फ़कत अब तो उठानी है।अब किसी सावित्री का किस्सा नहीं मिलता,
शिशिर मधुकर
तुम मान लो मधुकर कि वो शिक्षा पुरानी है।
5. जालिम हुई है ज़िंदगी (Poems on Life in Hindi)
अधूरी पड़ी है ज़िंदगी ना चैन आता है,
कोई कहीं ख्वाबों में मुझको बुलाता है।साथ जन्मों का तो हरदम टीस देता है,
तुम भुलाओ ये मगर फिर भी सताता है।ज़िन्दगानी में तो अक्सर लोग मिलते हैं,
हर कोई दिल में मगर थोड़े ही समाता है।कांटों के संग में कभी रहना भी पड़ता है,
चाह के कोई घर में इन्हें थोड़े ही उगाता है।जालिम हुई है ज़िंदगी अब क्या करे कोई,
शिशिर मधुकर
मधुकर यहाँ हर पल कोई इंसा ठगाता है।
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जीवन पर लघु कविताएँ हिंदी में – Short Poems on Life in Hindi
1. लगन
जरा सी मुहब्बत भी छूती है,
शिशिर मधुकर
मन को तभी राम संग सीता जाती हैं।
वन को छाया अगर डालियां थोड़ी देंगी,
कुछ तो आराम आएगा तन को।
शीतलता चंदा की सुख दे रही है,
उसने मिटाया है दिन की अगन को।
अगर तुमने अपना किसी को कहा है,
मर के निभाना अपने वचन को वो हंसता है।
अगर उसी उलफत पे मधुकर
उसे कह दो हल्का ना समझे लगन को।
2. टूटने की भी सीमा है
मन की बात खुलकर के जहाँ पे कह नहीं सकते,
शिशिर मधुकर
ऐसे हालातों में इंसान कभी खुश रह नहीं सकते।
तेरे नज़दीक आते हैं तो फ़कत रुसवा ही होते हैं,
सितम अपने परायों के और हम सह नहीं सकते।
तंग है सोच जिस घर में वहाँ रहना ना आसां है,
झील में कैसे भी चाहो ये तिनके बह नही सकते।
टूटने की भी सीमा है तुम भी सच जानते हो,
येज़मीं पर आ चुके हैं हम और तो ढह नहीं सकते।
ये सच है दूरियां मधुकर तुम्हें हर पल रूलाती हैं,
हम भी मज़बूर है लेकिन बता वजह नहीं सकते।
जीवन के बारे में कविताएँ – Poems About Life
1. काल जीवन का
मुहब्बत जिसने की मुझसे न संग उसने निभाया है,
अब तलक काल जीवन का ये मैंने तन्हा बिताया है।सभी बस छल गए मुझको लुटा बैठा हूँ मैं अब तक,
खेल चालाकी का ना माँ बाप ने मुझको सिखाया है।यूँ तो गहरा समुन्दर है फिर भी ना प्यास मिट पाई,
किसी ने जाम नज़रों का जो ना मुझको पिलाया है।ज़रा नज़रें घुमा के देखो फ़कत मेला है लोगों का,
किसी हमदम से ना पर वक्त ने मुझको मिलाया है।ठोकरें लगती रहती हैं सम्भलता रहता हूँ फिर भी,
मगर इस राहे मंजिल ने मुझको अक्सर गिराया है।मैंने सेहरा की चाहत में गुलों को कुछ नहीं समझा,
हार कांटों का उनकी हाय ने मुझको दिलाया है।वो पर्वत झुक नहीं सकता यकीं सबको यही था पर,
शिशिर मधुकर
जलजले ने देख मधुकर उसको जड़ से हिलाया है।
2. बोझ ये सारे
फूल को अपनी खुशबू का पता थोड़े ही होता है,
खुशी को बाँटता है वो फिर भी तन्हा ही रोता है।किसी के होंठो पे मुस्कान जो भी ले के आता है,
उसी से जान लो वो कितना अपना चैन खोता है।वो जो इतनी अकड़ अपनी ज़माने को दिखाता है,
न जाने कितने लोगों के चरण हँस हँस के धोता है।ज़िंदगी दूध की माफिक ही अपना रूप धरती है,
वही माखन भी पाता है जो कि इसको बिलोता है।अपने ग़म गलत करने को उसने साथ मांगा था,
शिशिर मधुकर
मगर अब बोझ ये सारे फ़कत मधुकर ही ढोता है।
3. भाग्य ना कोई बच सका है
वक्त की ज़द में कुछ भी हो तुम फिर भी रहना पड़ता है,
तेरे बिन इस तन्हाई का ग़म मुझको भी सहना पड़ता है।कितना भी कोई संयम रख ले दर्द तो दिल में होता है,
पीर बढे जब हद से ज्यादा उसको तो कहना पड़ता है।कितनी सूरत मिलती हैं इस नदिया को निज जीवन में,
इसके जल को लेकिन फिर भी हरदम बहना पड़ता है।कितना भी कोई गर्व करें सब कुछ नश्वर है जीवन में,
इंसानी हस्ती को इस जग में एक दिन ढहना पड़ता है।भाग्य ना कोई बांच सका है मधुकर इंसा का धरती पर,
शिशिर मधुकर
जो भी किस्मत से मिलता है बस वो ही गहना पड़ता है।
जीवन पर दिल को छू लेने वाली कविताएं – Heart Touching Hindi poems on life
1. उसी पे हँस के जीना है
वो मेरा हो नहीं सकता जिसने मेरा चैन छीना है,
ज़हर ना चाह कर भी पर मुझे जीवन में पीना है।धार है तेज नदिया की और इसे पार करना है,
ना जाने क्या करे किस्मत मेरा टूटा सफीना है।कोई तो पा गया सब कुछ मुकद्दर ही का खेला है,
किसी का उम्र भर देखो फ़कत बहता पसीना है।मेरी जो प्यास को देखा तो वो उपहास करता है,
उसे तो हर जगह बस दिख रहा सावन महीना है।नहीं उम्मीद मधुकर अब बहारे फिर से आएंगी,
शिशिर मधुकर
चुनी जो राह जीवन की उसी पे हँस के जीना है।
2. साथी गैर लगता है
मुहब्बत अगर नहीं हो बीच साथी गैर लगता है,
शिशिर मधुकर
हर बात में उसकी फिर तो एक बैर लगता है।
अगर मन में छुपी बातों को कोई जान लेता है,
सफ़र जीवन में ऐसे मीत के संग सैर लगता है।
सर को झुका इंसान नें इस जग को जीता है,
बड़ा होशियार है वो अगर किसी के पैर लगता है।
किसी को दूर कर देने से अब भी डोर ना टूटी मुझे तो,
आज भी वो पास दिल के खैर लगता है।
सांस तो चल रही है पर यही जीवन नहीं होता हर लम्हा,
बड़ा नीरस एक मीत के बगैर लगता है।
3. बंधन तोड़ कर देखो
ये बंधन तोड़ कर देखो कितनी राहें बुलाती हैं,
अगर धक्का नहीं दोगे झूलें भी ना झुलाती हैं।अगर बच्चा नहीं रोए तो ममता दिख नही पाती,
तभी तो लोरियां गा गा के मां उनको सुलाती हैं।हार कर ज़िन्दगी में जो कभी टूटा नहीं करते,
वक्त आने पे उनके सीनों को मंज़िल फुलाती हैं।दर्द दीवार दिल की तोड़ जब नैनॊं से रिसता है,
बोझ दिल का घटाने को ही ये आँखें रूलाती हैं।जो भी ठहरा नहीं करते सदा कुछ करते रहते हैं,
शिशिर मधुकर
उन्हीं को याद रख मधुकर ये पुश्तें ना भुलाती हैं।
Closing words for Poems on Life in Hindi
तो यह सब हिंदी में जीवन पर कविताओं के लिए है। हम हिंदी कविताओं के संबंध में अपनी अगली पोस्ट के लिए कुछ और दिलचस्प विषय लेकर आएंगे। आशा है कि आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी और अगर आपको यह पसंद आया हो तो अपने दोस्तों और परिवार के साथ पोस्ट करें।
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